यीशु का मार्ग   windows 98, ME, 2000, XP      .PDF     English

ईसा मसीह के पथ


अतिरिक्त पृष्ठः

जानकारी: ज़ोरोस्टीज़्म (पारसी -धर्म)

अन्य धर्मों से सम्बन्धित हमारे अगले पृष्ठ बेहतर समझ और अंतःधर्म संवाद के प्रति एक योगदान हैं। ईसाइयत के भाग के लिए आधार है स्वतंत्र अनुसंधान, जिसमें प्राचीन आध्यात्मिक गहराई शामिल है। ज़राथुस्त्रा का प्राचीन पारसी धर्म का ज्यादा वर्णन नहीं है, पर कुछ दृष्टिकोण दिए गए हैं, जो इस उद्देश्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।

ज़राथुस्त्रा.

आज पारसी अपने पवित्र धर्मग्रन्थ, ज़ेंड अवेस्ता, के साथ ज़ोरोस्टीयन शिक्षा को बनाए हुए हैं। भारत में इस धर्म के अन्वेषकों ने पाया है कि (पहले) ज़राथुस्त्रा ईसा से हजारों साल पहले रहते थे - तो इस प्रकार प्राचीन यूनानी इतिहासकार हेरोदोत सही था। (...)

ज़राथुस्त्रा ने आध्यात्मिक शुद्धता और भौतिक जीवन के सकारात्मक व्यवहार दोनों को जोड़ा (...)। यह भी पाया गया कि उनके धर्म ने न केवल प्रकाश और अँधकार के विरोध को सम्भाला (...). वरन एक निजी ईश्वर, यहाँ जिसका नाम अहुरा माज़दा था, को उन आकाशीय शक्तियों से ऊपर दिखाया। अहुरा माज़दा से विभिन्न देवदूतों के जरिए सहायता माँगी गई - पर इन देवदूतों के अस्तित्व का अर्थ यह नहीं है कि यह एक बहुईश्वरीय मत है। (...)

उस धर्म के बारे में सबसे आध्यात्मिक अन्वेषण का पताः Mazdayasnie Monasterie, http://www.indiayellowpages.com/zoroastrian ; mazocol@hotmail.com . (...)अवश्य ही, इस धर्म का अधिकांशतः अपनी आध्यात्मिक 'गहराई' खो चुका है, जिसे आज फिर से खोजने की आवश्यकता है- दूसरे धर्मों की ही तरह। (...)

ईरान में भी कुछ मुस्लिम धर्मविज्ञानी यहूदी और ईसाईयों की तरह पारसियों को भी 'धर्मग्रन्थों के लोग' के रूप में स्वीकार करते हैं; जिसका अर्थ 'अविश्वास करने वाले' नहीं, बल्कि वे लोग हैं जो उसी ईश्वर पर विश्वास करने वाले हैं, जिनको बहुधा उनके पैगम्बरों द्वारा इस ईश्वर की याद दिलाई जाती थी। (...)

हमारा विचार है कि ज़राथुस्त्रा के इस प्राचीन धर्म में कम से कम कुछ समान है उन एक ईश्वर में विश्वास करने वाले प्रारम्भिक विश्वासों से, जो नोह/नुआख - जो बाढ़ में बच गए थे - ने उस समय की नष्ट होती संस्कृति में बनाए रखा। (...)

और, कुछ और भी दृष्टिकोण हैं, जो बताते हैं कि 'पूर्व के 3 ज्ञानी पुरूष' या '3 मागी', जिन्होने यीशु को बच्चे के रूप में पाया और पूजा, ज़ोरास्टीयन ही थे। (...)ज़राथुस्त्रा के मूल लेखन, जेंड अवेस्ता, का ज्यादातर भाग माना जाता है कि खो गया है। ईसा के बाद तीसरी और चौथी शताब्दी में कुछ ज्ञात भागों को 21 पुस्तकों में फिर से समन्वित किया गया। कुछ भाग फिर से खो गए हैं। पारसियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण भाग है, उदाहरण के लिए, '5 गाथा' की पुरानी प्रार्थनाएँ (टी. आर. सेठना, भारत, 'खोरदे अवेस्ता' अंग्रेजी अनुवाद के साथ), जो पुरानी ईरानी भाषा में गाई जाती हैं। (...)

आध्यात्मिक पथ पर नैतिकता।

नैतिक मूल्य दूसरे विश्व धर्मों के समान ही हैं: अच्छे विचार, अच्छा कहना और अच्छा करना। (...).

ईसाईयों के दृष्टिकोण से, यीशु लोगों को ईश्वर से जोड़ने में विश्वास करने और प्रार्थना करने के लिए सहायता करता है।


* मुस्लिम भी एक ईश्वर की प्रार्थना करते हैं।
* ज़ोरास्टीयन सामान्यतया दूसरे धर्मावलम्बियों को अपने धर्म से विमुख करने के लिए प्रयास नहीं करते।

 *) english: www.ways-of-christ.net

मुख्य-पृष्ठ को Ways-of-Christ.com/hi

अग्रिम विषयों के साथ मुख्य अंग्रेज़ी पाठ

ईसा मसीह के तरीके, मानवीय संचेतना एवं मानव जाति तथा पृथ्वी के परिवर्तनों में उनका योगदान: एक स्वतंत्र सूचना-पृष्ठ, अन्वेषण एवं अनुभव के अनेक क्षेत्रों के लिए नए दृष्टिकोणों के लिए व्यावहारिक संकेतों के साथ